जिस आरो के पानी को आप यह सोचकर पी रहे है की यह आपको सेहतमंद बनाएगा और बीमारियां दूर होगी तो यह आपकी सबसे बड़ी भूल है | फ्रेंड्स जीवन का सबसे बड़ा सुख आपके शरीर का निरोग बने रहना है | इसलिए लोगो में अपनी सेहत को लेकर जागरूकता तेजी से बढ़ी है | लेकिन कई बार हम जिन चीजों को हमारी सेहत के लिए फायदेमंद समझते थे, वह हमारी सेहत के लिए बहुत नुकसानदायक होती है |
जब कभी भी हम बाहर घूमने जाते है, तो अक्सर हम खुले पानी की जगह बोतलबंद पानी पीना ही पसंद करते है | हमारा सोचना यह होता है की बोतलबंद पानी शुद्ध होता है और हमारी सेहत के लिए फायदेमंद होता है | यही वजह है की आज मेट्रो सिटी से लेकर छोटे छोटे कस्बो और गाँवो में भी बोतलबंद पानी की अच्छी खासी खपत होने लगी है | टीवी पर आते विज्ञापन भी इनकी शुद्धता के दावे करते रहते है |
लेकिन क्या ये हर जगह आसानी से उपलब्ध होने वाला बोतलबंद पानी क्या वाकई में आपकी सेहत के लिए फायदेमंद है | इस पर अधिकांश लोगो का जवाब होगा हां | लेकिन मैं आपको बता दू, की यह आपकी ग़लतफ़हमी है | जब वाटर प्यूरीफायर कम्पनिया जब पानी को शुद्ध करती है, तो उनमे से गंदगियों के साथ शरीर के लिए जरुरी मिनरल्स भी पानी से अलग हो जाते है | ये मिनरल्स हमारे शरीर के लिए बेहद जरुरी होते है |
आरओ के पानी में मिनरल्स की मात्रा होती है बेहद कम
पानी की शुद्धता के लिए उसे टीडीएस यानि की टोटल डिसॉल्वड सॉलिड में मापा जाता है | जिससे यह पता चलता है, की पानी में कितने तरह के मिनरल्स मौजूद है | 250 से लेकर 350 टीडीएस वाला पानी हमारी सेहत के लिए फायदेमंद होता है | लेकिन हम बोतलबंद जो पानी पीते है, उनमे पानी का स्वाद अच्छा हो इसके लिए उसका टीडीएस बहुत कम किया जाता है |
अगर पानी में टीडीएस की मात्रा 150 से कम होती है, तो इसका मतलब है की पानी में मिनरल्स की मात्रा बहुत कम है | बोतलबंद पानी में टीडीएस की मात्रा 100 से भी कम होती है | जो की स्वाद में तो बहुत अच्छा लगता है, लेकिन ये हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है | और इसकी वजह से हमारा हार्ट भी फेल हो सकता है | और साथ ही कम टीडीएस वाला पानी पिने से हमारे बालों, त्वचा और हार्मोन्स को भी नुकसान पहुंचने की सम्भावना रहती है |
पानी जब आरओ से फ़िल्टर होकर साफ होता है, तो उसमे से 90 % तक मिनरल्स निकल जाते है | इसी तरह बोतल में भी पानी भरने से पहले उसे भी रिवर्स ओसमोसिस प्रोसेस के जरिये फ़िल्टर किया जाता है, तो पानी बोतल में जाने से पहले ही अपनी गुणवत्ता पूरी तरह खो देता है | और मिनरल्स के नाम पर इसमें कुछ भी नहीं बचता | लेकिन तब भी बोतल में मिलने वाले पानी को मिनरल वाटर कहा जाता है | बोतल में मिलने वाले पानी में मिनरल्स नहीं होने की वजह से देश की हेल्थ ओर्गनइजेशन द्वारा पैकेजिंग पर मिनरल वाटर लिखने पर रोक लगाया गया था | जिसके बाद से पानी की बोतल पर मिनरल वाटर की जगह पैक्ड ड्रिंकिंग वाटर लिखा हुआ आने लगा है |
स्वस्थ बने रहने के लिए जरुरी है मिनरल्स
क्या आप जानते है की साधारण पानी में कैल्शियम, मैग्नीशियम और आयरन जैसे आवश्यक मिनरल्स भी मौजूद होते है जो की हमारी हड्डियों पेट और दिमाग के लिए बहुत जरुरी होते है | और साथ ही इनकी वजह से हमारी भूख और प्यास शांत होती है | बोतल में मिलने वाले पानी में इस तरह के मिनरल्स नहीं पाए जाते जिसकी वजह से हमारे शरीर में कैल्शियम , मैग्नीशियम और आयरन जैसे मिनरल्स की कमी आने लगती है |
प्लास्टिक एक ऐसा पदार्थ है जिसे कचरा समझकर जब जमीन में दफनाया जाता है तो इसे प्राकृतिक तरीके से गलने में 500 से भी ज्यादा साल लग जाते है | इसलिए कहा जाता है की प्लास्टिक को रीसायकल नहीं किया जा सकता और इसका कम से कम इस्तेमाल करें | इस प्लास्टिक को जब हमारी धरती नहीं पचा सकती तो इसे हमारा पेट तो बिलकुल नहीं पचा सकता | आरओ से प्लास्टिक छनता है तो इसमें प्लास्टिक घुलता जाता है | और पानी में टीडीएस की कमी के कारन हर तरह की चीजे इसमें ज्यादा जल्दी घुलती जाती है |
बोतलबंद पानी होता है नुकसानदायक
बोतल में बंद पानी जब धुप के संपर्क में आता है या बहुत दिनों तक रखा रहता है तो इसमें भी प्लास्टिक घुलता चला जाता है | पानी में प्लास्टिक घुलने के कारन कैंसर और किडनी फेल जैसी समस्या होती है | इसके साथ ही बोतल में मिलने वाले पानी में क्लोरेट और क्लोराइट जैसे हानिकारक केमिकल भी मौजूद होते है | हैरानी की बात यह है की ये सभी केमिकल साधारण पानी में बिलकुल नहीं होते है | हानिकारक केमिकल्स की अधिकता और मिनरल्स की कमी के कारन बोतल में मिलने वाला पानी हमारे स्वास्थय के लिए हानिकारक बन जाता है और इसकी वजह से बालों का झड़ना, गंजापन, दांतो में कमजोरी चेहरे पर झुर्रिया ज्यादा बढ़ जाता है |
ऐसे में सवाल उठता है की आखिर क्या करें पहले अपने आरओ का TDS 200 से 350 के बिच में ही सेट करवाए और फ़िल्टर होने के बाद उसे किसी स्टील, मिट्टी या ताँबे के बर्तन में रख दे | उसके बाद पानी उसी बर्तन में से ही पिए | बोतल में मिलने वाला पानी कम से कम पिए | और हो सके तो पूरी तरह से ही बंद कर दे | क्युकी ना सिर्फ इसमें मिलने वाला पानी हमारी सेहत के लिए हानिकारक होता है, बल्कि इसकी बॉटल से ही कई तरह की समस्या जुडी हुई है |
प्लास्टिक से होता है पर्यावरण को नुकसान
बोतलबंद पानी पिने से ना सिर्फ हमारी सेहत को नुकसान होता है बल्कि इनके कारन हमारे पर्यावरण को भी नुकसान होता है | ये बोतले प्लास्टिक की बनी होती है, जो की हमारे पर्यावरण के लिए बहुत नुकसानदायक होता है | लोग पानी पिने के बाद इन्हे फेक देते है | इन फेकि हुई बोतलों में से केवल एक चौथाई यानि की 4 में से एक बोतल ही रीसायकल हो पाती है बाकि सड़को पर नदी तालाब और गंदगी में फेक दी जाती है |
यह प्लासिटक सैकड़ो सालो तक नस्ट नहीं होता है और हमारे पानी और मिटटी को प्रदूषित करता है | साथ ही आपको बता दे, की बोतलबंद पानी में पानी की कीमत तो 10 % तक ही होती है ज्यादातर पैसा तो हमसे उसकी पेकेजिंग का लिया जाता है | शुद्ध पानी पीने के लिए बोतलबंद पानी की जगह मिट्टी के मटके का पानी पिए | मिटटी के मटके पानी को प्राकृतिक रूप से से फ़िल्टर करते है | अगर इनमे अधिक टीडीएस वाले पानी को डाला जाये तो यह उसमे मिनरल्स कम कर देते है | और अगर कम टीडीएस वाला पानी है तो उसमे मिनरल्स बढ़ा देते है |
पानी का हमारी सेहत पर बहुत प्रभाव पड़ता है | इसलिए पानी की शुद्धता के साथ साथ हमें पानी पिते समय कुछ खास बातो का भी ध्यान रखना चाहिए | कई बार हम पानी पिने को लेकर कुछ गलत आदते डाल लेते है और ये साधारण सी पानी पिने को लेकर की गयी गलतिया हमारी सेहत के लिए बहुत अधिक हानिकारक हो सकती है | इसलिए कैसा पानी पीना चाहिए , पानी कब कब पीना चाहिए और पानी पिने का सही तरीका क्या है इसके लिए हम पहले ही आर्टिकल बना चुके है | यह जानकारी आपके लिए बहुत ही लाभकारी होगी|