बढ़ते प्रदूषण से आज पूरी दुनिया चिंतित है | 2023 में बहुत से शहर ऐसे है जहाँ पर प्रदूषण के कारन अन्य वाहनों की तुलना में साइकिल को तरजीह दी जाती है | साइकिल बहुत पुराने समय से उपयोग में ली जाती रही है लेकिन बहुत से लोगों को पता नहीं है की साइकिल का अविष्कार किसने किया था जिसके बारे में आज इस लेख में हम जानेंगे |
कोई भी मशीन या गैजेट जो की हम उपयोग में लेते है वह किसी एक व्यक्ति की ईजाद नहीं होती है | अविष्कार एक प्रक्रिया है जिसमें समय समय पर लोग सुधार करते जाते है और उसका यह रूप हम देख पाते है | साइकिल का जो रूप आज हम देखते है वह भी किसी एक व्यक्ति ने नहीं किया है | समय समय पर लोगों ने अपने अपने प्रयोगों के द्वारा इसे यह रूप प्रदान किया है |
साइकिल का अविष्कार किसने किया
सबसे पहले साइकिल के शुरुआती मोडल को बनाने वाले आविष्कारक का नाम था बैरन फॉन ड्रेवीस ने जो की जर्मनी के नागरिक थे | उन्होंने 1817 में साइकिल का मोडल बनाया जिसका नाम उन्होंने ड्रेसियन रखा | उस समय इस साइकिल की गति 15 किलोमीटर प्रति घंटा थी | लेकिन उस समय इस साइकिल में पैडल नहीं थे और इस साइकिल को पैरों से धक्का देकर चलाया जाता था |
इसके कुछ साल बाद 1839 में स्कॉटलैंड के किर्कपैट्रिक मैकमिलन को आधुनिक साइकिल का आविष्कारक माना जाता है | उन्होंने इस साइकिल में पैडल लगाकर इसमें एक उल्लेखनीय सुधार किया | इस सुधार से लोगों को अब पैर से धक्का देने की जरुरत नहीं रही और वे अब पैडल की सहायता से भी इसे चला सकते थे | इसकी खासियत यह थी की इसमें पैडल आगे के पहिये में लगाए गए थे | मैकमिलन के इस आविष्कार के बाद इसे वेलॉसिपीड (velociped) कहा गया |
भारत में साइकिल
भारत में सबसे पहली साइकिल हिन्द साइकिल कम्पनी ने बनाई थी | भारत में पहली साइकिल 1942 में निर्मित की गयी | इससे पहले भारत में साइकिल इम्पोर्ट मंगाई जाती थी | उस समय जिन लोगों के पास साइकिल होती थी उन्हें बहुत ही धनवान समझा जाता था | 1955 से 2000 तक भारत के अधिकांश लोग साइकिल का उपयोग करते थे | लेकिन फिर मोटरसाइकिल के आने से साइकिल की लोकप्रियता में कमी आई |
साइकिल के मुख्य अंग
साइकिल कई पार्ट्स से मिलाकर बनाई जाती है | एक साइकिल के इन सभी पार्ट्स का उपयोग आज आपको भले ही सामान्य लगे लेकिन इनका अविष्कार ने ही आज आधुनिक युग की ना केवल साइकिल बल्कि वाहन जगत की नींव में अहम योगदान निभाया है | इसलिए सभी पार्ट्स सामान्य हो लेकिन बहुत महत्व रखते है | आइये जानते है इनके बारे में |
फ्रेम
यह साइकिल का ढांचा होता है जो की लोहे से बनाया जाता है और साइकिल के सभी अन्य पार्ट्स साइकिल के फ्रेम से जुड़े होते है |
पहिये
साइकिल में 2 पहिये होते है और इन पहियों के द्वारा ही साइकिल आगे की ओर गति करती है | अगले पहिये और पिछले पहिये दोनों समान साइज के होते है | वैसे कुछ साइकिल ऐसी भी होती है जिनका आगे का पहिया बहुत बड़ा होता है लेकिन वह सामान्य उपयोग में नहीं ली जाती है |
पैडल
जब पहली साइकिल बनायी गयी थी तब उसमें पैडल नहीं थे इसलिए वह चलाने में असुविधाजनक थी | लेकिन बाद में साइकिल में पैडल लगाए गए और उसके बाद साइकिल चलाने में आसान हुई और तेजी से लोगों ने इसे अपनाया |
चैन
पैडल से पिछले पहिये को जोड़ने के लिए चैन का उपयोग किया जाता है | इसके द्वारा जब चालक पैडल को अपने पैरों से घुमाता है तो चैन के द्वारा पिछला पहिया घूमता है और साइकिल आगे गति करती है | यह साइकिल का एक अभिन्न अंग है |
हैंडल
साइकिल को हाथो से दिशा देने के लिए उसका हैंडल लगाया जाता है जिसके द्वारा चालक साइकिल को चलाता है | हैंडल से दिशा देकर उसे घुमा सकता है और गंतव्य तक आसानी से पहुंच पाता है |
सीट
साइकिल को चलाते वक्त चालक को साइकिल के बीच में एक सीट लगाई जाती है जिसके द्वारा चालक उस पर बैठकर साइकिल चलाता है | सीट के कारण चालक लम्बी दुरी तक साइकिल चला पाता है |
स्टेण्ड
साइकिल को खड़ा करने के लिए स्टेण्ड का उपयोग किया जाता है |
ब्रेक
साइकिल को रोकने के लिए ब्रेक का उपयोग किया जाता है | साइकिल के दोनों ब्रेक हैंडल में होते है | ब्रेक के द्वारा साइकिल को रोका जाता है | आजकल साइकिल में डिस्क ब्रेक का भी उपयोग किया जाता है |
FAQ
साइकिल का अविष्कार किसने किया था ?
साइकिल का अविष्कार बैरन फॉन ड्रेवीस ने किया था |
साइकिल का अविष्कार किस वर्ष में हुआ था ?
साइकिल का अविष्कार 1817 में हुआ था |
साइकिल का अविष्कार कहाँ हुआ था ?
सबसे पहली साइकिल का अविष्कार जर्मनी में हुआ था |
भारत में सबसे पहली साइकिल कब बनी थी ?
भारत में पहली साइकिल 1942 में बनी थी |
निष्कर्ष
साइकिल का उपयोग आज भी बना हुआ है और पुनः लोग इसका उपयोग कर रहे है | साइकिल उपयोग करने से बिलकुल भी वायु प्रदूषण नहीं होता है | इस लेख के द्वारा आप जान गए होंगे की साइकिल का अविष्कार किसने किया | आपको यह कैसा लगा हमें कमेंट करके जरूर बताएं |