योग क्या है और योग के फायदे हिंदी में जानिए

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योग पुराने समय से ही हमारी जीवन का अभिन्न अंग रहा था | लेकिन बीच के समय में दुनिया के प्रभावों से हम योग से दूर हो गए थे | लेकिन फिर समय बदला और पूरी दुनिया योग के फायदे देखकर उससे प्रभावित हुए | और आज दुनिया के हर कोने में लोगों के दिन की शुरुआत योग से होती है | नियमित योग करने से शरीर शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रहता है | योग के महत्व को देखते हुए ही 11 दिसंबर 2014 को सयुंक्त राष्ट्र महासभा ने एक प्रस्ताव पारित कर 21 जून को अंतरास्ट्रीय योग दिवस के रूप में मान्यता प्रदान की है | आज के इस आर्टिकल Yoga in Hindi में हम योग क्या है, योग के फायदे क्या है, योग करने का सही समय कोनसा है, और योग करते समय कौन कौन सी सावधानियां रखनी चाहिए |

योग क्या है | What is Yoga in Hindi

योग के बारे में अक्सर लोगों की राय होती है की यह कोई तरह के शारीरिक व्यायाम है और इसे शरीर को स्वस्थ बनाने के लिए किया जाता है | लेकिन यह अधूरी जानकारी है | योग संस्कृत की यूज धातु से बना है जिसका मतलब होता है जोड़ना | इन योग और आसान प्रक्रियाओँ के द्वारा मन को ध्यान को अपनी आत्मा से जोड़ना योग कहलाता है |

योग का इतिहास | Yoga History in Hindi

योग का इतिहास उतना ही पुरातन है जितना की हिन्दू धर्म | हिन्दुओ के पहले वेद ऋगवेद में भी इसका उल्लेख किया गया है | इसके बाद उपनिषदों और महाभारत में भी योग का उल्लेख मिलता है जो की अति प्राचीन ग्रन्थ है | बौद्ध धर्म में भी ध्यान और योग के महत्व के बारे में बहुत कुछ लिखा गया है | 3300 से 1800 बी.सी. पूर्व सिंधु घाटी सभ्यता का काल है , इनके अवशेषों में भी पुरातत्ववेताओं को ध्यान और योग में लीन कुछ मुर्तिया मिली है | 

योग के फायदे | Yoga Benefits in Hindi

रोजाना योग करने से शरीर को ना सिर्फ बीमारियों से दूर रखा जा सकता है बल्कि मानसिक शन्ति प्राप्त करने के लिए योग  बहुत ही उपयोगी है | योग का प्रभाव हमारे शरीर के प्रत्येक अंग पर सकारात्मक रूप से पड़ता है | योग करने से हमारा तंत्रिका तंत्र मजबूत होता है | और हमारे शरीर के प्रत्येक अंग में रक्त का संचरण सही तरह हो पाता है | इससे शरीर का इम्यून सिस्टम मजबूत होता है और किसी भी तरह की बीमारी के प्रभाव से हम बचे रहते है| 

पाचन तंत्र, जोड़ो के दर्द, डाइबिटीज, स्वसन रोग को दूर करने में योग बहुत ही लाभकारी माना गया है जिसको आज का आधुनिक विज्ञान भी प्रमाणित मानता है | कैंसर और HIV ऐसे रोग है जिन पर बहुत रिसर्च के बाद भी पूरा इलाज संभव नहीं हो पाया है | लेकिन योग के द्वारा इनके इलाज में सकारात्मक परिणाम सामने आये है | 

योग केवल शरीर को शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रखने के लिए ही नहीं किये जाते है बल्कि आध्यात्मिक रूप से भी योग और प्राणायाम किये जाते है | हिन्दू , बौद्ध और जैन धर्म में पूजा करते वक्त भी योग से ध्यान केंद्रित करने और ब्रह्म से जुड़ने के लिए इन आसनों को किया जाता है | लेकिन इसके लिए कई वर्षों तक इसका अभ्यास किया जाता है | 

योग करने का सही समय | Yoga Practise Right Time in Hindi 

अच्छे स्वास्थ्य के लिए योग जरुरी है लेकिन इसके सबसे अच्छे परिणाम पाने के लिए सही समय पर योग करना जरुरी है | योग करने के लिए सबसे सही समय है सूर्योदय से आधे घंटे से पहले से लेकर सूर्योदय के एक घंटे बाद तक और शाम को सूर्यास्त के समय |  योग और प्राणायाम हमेशा भूखे पेट करना चाहिए | योग करने से 2 घंटे से पहले तक कुछ ना खायें | 

योग के प्रकार |  Yoga Types in Hindi

धर्मग्रंथो में योग के महत्व को दर्शाते हुए उनके उल्लेख किया गया है | हमारे प्राचीन धर्मग्रंथो में योग के 4  प्रकार बताये गए है | 

राज योग – ( Raj Yoga in Hindi )

राज योग को सभी योग क्रियाओं में उच्च स्थान प्राप्त है | इसकी रचना महर्षि पतंजलि द्वारा की गयी थी | इसमें मुख्य रूप से 8 योग आधार बताये गए है | जिनमे से 5 बाह्य और 3 आंतरिक है | 

  1. यम 
  2. नियम 
  3. आसन 
  4. प्राणायाम 
  5. प्रत्यहार 
  6. धारणा 
  7. ध्यान 
  8. समाधी 

आज के समय हम योग में जो आसन करते है उन्हें ही सम्पूर्ण योग समझ लेते है | लेकिन वे आसन योग का एक हिस्सा है और योग का दायरा उसकी तुलना में कही अधिक विस्तृत होता है | 

मंत्र योग ( Mantra Yoga in Hindi ) 

हिन्दू धर्म में मंत्रो का बहुत ही महत्व बताया गया है | आज के समय भी कई योग क्रियाओं के समय ॐ की ध्वनि इसके अलावा कई तरह के मंत्रो का उच्चारण भी किया जाता है जो की मन को एकाग्र बनाये रखते है | यह सिद्ध है की मंत्रो से जो ध्वनि उत्पन्न होती है उसका हमारे शरीर और मन दोनों पर बहुत ही अच्छा प्रभाव पड़ता है | 

हठ योग ( Huth Yoga in Hindi ) 

हठ का अर्थ होता है जिद करना यानि की किसी काम को करते वक्त उस काम को पूरा कर लेने का प्रण करना | हमारे शरीर में हजारों नाड़ियां होती है जिनमें 3 प्रमुख नाडिया होती है एक इड़ा , दूसरी पिंगला और तीसरी सुषुम्ना | इड़ा नाड़ी से दायाँ स्वर शुरू होता है और पिंगला से दायाँ | तीसरी नाड़ी जो की सुषुम्ना है वो इन दोनों नाड़ियों के बीच में होती है | हठयोग द्वारा इस नाड़ी को जागृत किया जाता है | 

कर्म योग ( Karm Yoga in Hindi ) 

हम अपने रोजाना की दिनचर्या में जो काम करते है उसे कर्मयोग कहते है | हम जितना समय अपना कर्म दुसरो की सेवा या मदद में लगाते है उससे हमारा कर्म मजबूत होता है और हमारे अगले जन्म का भाग्य उन्ही कर्मों के आधार पर निर्धारित होता है | हमें इस जन्म में जो भी मिला है उसमे हमारे उन्ही कर्मो को योगदान होता है जो हमने पिछले जन्मों में किये है | 

योग करने के नियम |  Yoga Rules in Hindi 

  • योग करने के लिए सबसे पहले समतल जगह का निर्धारण करें | 
  • एक अच्छी चटाई या दरी पर आसन करें | 
  • आसन करने से पहले अपने मन से सभी अच्छे बुरे विचार और चिंताओं को निकाल दें | 
  • पूरा ध्यान केंद्रित कर ही आसन करें | 
  • शांत वातावरण में ही योग करें | 
  • थोड़े ढीले कपडे पहनकर योग करें | 
  • आसान योग से योगाभ्यास की शुरआत करें | 
  • योग करते समय अपने स्वास पर सही नियंत्रण रखें | 
  • किसी योग गुरु के निर्देशन में योग करें | 
  • योगासन के बाद प्राणायाम करें | 
  • सबसे अंत में आप शवासन करें 

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